“छोटी दीपावली 2025: नरक चतुर्दशी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व”
🪔 परिचय
दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाने वाला पर्व छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी, अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर राक्षस के वध की स्मृति में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन स्नान, दीपदान और यमराज की पूजा करने से पापों का नाश होता है और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।
छोटी दीपावली को कई क्षेत्रों में रूप चौदस भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन रूप और सौंदर्य की देवी लक्ष्मी का पूजन कर व्यक्ति अपने भीतर और बाहर की शुद्धता को अपनाता है।
📅 छोटी दीपावली 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर 2025 (रविवार) दोपहर 1:51 बजेतिथि समाप्त: 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) दोपहर 3:44 बजेमुख्य पर्व मनाया जाएगा: 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)⏰ शुभ समय (मुहूर्त):
अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त: प्रातः 05:12 AM से 06:25 AM तकदीपदान एवं पूजा का उत्तम समय: सायंकाल प्रादोष काल में, लगभग 05:45 PM से 07:15 PM तक(समय स्थानानुसार थोड़ा परिवर्तित हो सकता है — अपने स्थानीय पंचांग के अनुसार देखें।)🌼 छोटी दीपावली का धार्मिक महत्व
छोटी दीपावली के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक दैत्य का वध कर 16,000 कन्याओं को उसके बंदीगृह से मुक्त कराया था। इसीलिए यह दिन नरक चतुर्दशी कहलाया — अर्थात् वह दिन जब “नरक” अर्थात पाप, अंधकार और भय का अंत हुआ।
धार्मिक दृष्टि से यह दिन शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि का दिन माना गया है। इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि व्यक्ति को यमराज से रक्षा और आयु वृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
🌿 छोटी दीपावली पर करने योग्य प्रमुख कार्य
1. 🛁 अभ्यंग स्नान (तेल स्नान)
सुबह सूर्योदय से पहले तिल के तेल से मालिश कर उबटन लगाएं और स्नान करें। ऐसा करने से शरीर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। यह स्नान “नरक स्नान” कहलाता है और आत्मशुद्धि का प्रतीक है।
2. 🌞 दीपदान
संध्या के समय घर, आंगन, मंदिर, तुलसी चौरा और द्वार पर दीप जलाएं।
यमराज के नाम का दीप प्रज्वलित करना विशेष रूप से शुभ माना गया है —
“ओं यमाय नमः दीपं ददामि” मंत्र बोलते हुए दीप अर्पण करें।
इससे अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
3. 🌺 रूप चौदस का सौंदर्य महत्व
इस दिन महिलाएँ उबटन और चंदन का लेप लगाकर सौंदर्य की देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद लेती हैं। यह बाहरी सुंदरता के साथ-साथ आंतरिक शुद्धता का प्रतीक है।
4. 🍚 भोजन एवं दान
इस दिन सादा और सात्त्विक भोजन किया जाता है। खिचड़ी, हलवा, गुड़ और तिल से बने व्यंजन तैयार कर गरीबों या जरूरतमंदों को दान देने का विशेष पुण्य बताया गया है।
🕉 पूजा विधि (Puja Vidhi)
सूर्योदय से पहले उठकर तेल स्नान करें।स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान श्रीकृष्ण, यमराज और देवी लक्ष्मी की पूजा करें।तिल, जल और पुष्प से यमराज को अर्घ्य अर्पित करें।दीप जलाकर मंत्र बोलें –“दीपज्योति परब्रह्म दीपज्योति जनार्दन। दीपेन हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तुते॥”शाम को पूरे घर में दीपक जलाएं और लक्ष्मी जी का आवाहन करें।💫 आध्यात्मिक संदेश
छोटी दीपावली केवल दीपक जलाने का पर्व नहीं है, बल्कि यह अंतरात्मा में ज्ञान का दीप प्रज्वलित करने की प्रेरणा देता है।
इस दिन हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि —
“अब हमारे भीतर कोई अंधकार नहीं रहेगा, केवल भक्ति, प्रेम और प्रकाश का निवास होगा।”
🌻 छोटी दीपावली पर मंत्र और प्रार्थना
🕯️ “असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय।”
— हे प्रभु! हमें असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर, और मृत्यु से अमरत्व की ओर ले चलो।
🌸 समापन विचार
छोटी दीपावली का दिन आत्मशुद्धि, सफाई, भक्ति और दीपदान का प्रतीक है। इस दिन का हर दीपक हमें याद दिलाता है कि जीवन में चाहे कितना भी अंधकार क्यों न हो, एक छोटी सी रोशनी सब कुछ बदल सकती है।
✨ इस छोटी दीपावली पर अपने भीतर के अंधकार को मिटाएं और भगवान श्रीकृष्ण व माता लक्ष्मी के प्रकाश से अपने जीवन को आलोकित करें।
🪔 आप सभी को छोटी दीपावली 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जय श्रीकृष्ण! जय लक्ष्मी माता!
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